नमाज़ के सवाल और जवाब - Golden Words

Wednesday, April 6, 2022

नमाज़ के सवाल और जवाब

 नमाज़ में हमे जो जो मन में सवाल आते है वो सभी सवाल जवाब यहाँ दिए गए है, इसके आलावा भी आप कोई सवाल पूछना चाहे तो मुझे निचे कमेंट बॉक्स में बता सकते है, 

ये सवाल और जवाब यहाँ इस पोस्ट में उपडेट होते रहेगे तो आप इस पोस्ट में आते जाते रहिये ताकि आपको दिनकी मालूमात मिलती रहे 

नोट :- इस क्विज़ का नेक मक़सद दीनी मालूमात में इज़ाफ़ा है।_इंशा अल्लाह इल्मे दीन सीखने का सवाब आपको मिलेंगा !!

Namaz Ke Question और answer

सवाल :  अगर आप वितर की नमाज की तीसरी रकात पढ़ रहे हो, आपने सुरेह फातिहा सीधे रुकुमे चले गए और रूकुमे याद आया की दुआए कुनुत पढ़ने की रह गई तो आप क्या करोगे ?

जवाब : में रुकु से वापस क्याम में आऊंगा फिर कोई भी सूरत पढ़ुगा फिर अल्लाहु अकबर बोल के दुआए कुनूत पढुगा फिर रुकु में जाऊंगा फिर सजदा सहव करूंगा

सवाल :  अगर आप मस्जिद में फजर की नमाज पढ़ने गए हो फजर की सुन्नत पढ़ने से पहले अगर कोई दुश्मन का झुंड आए और आपको लगे कि वो आप पर जुल्म करेगा तो आप क्या करेंगे?

जवाब : मेरी सुन्नत नमाज पहले अदा करुगा

सवाल :  अगर में अजमेर जा रहा हूं और ट्रेन के अंदर फजर की नमाज पढ़नी है तो मैं फजर की दो सुन्नतें किस तरह अदा कर सकता हूं?

जवाब : फजर की दो सुन्नते ट्रेन में पढ़ नहीं सकते

सवाल :  अगर मेरी फजर की नमाज कजा हो गई तो अब यह नमाज मुझे जवाल के पहले पढ़नी है तो मुझे कितनी रकाते पढ़नी होगी?

जवाब : 2 सुन्नत और 2 फर्ज की कजा

सवाल :   कोई शख्स नमाज पढ़ रहा था और उसे अचानक जन्नत की और दोजख की याद आ गई और उसके मुह में से कुछ शब्द निकल गए तो उसकी नमाज का क्या हुक्म होगा??

जवाब : नमाज हो जाएगी

सवाल :   जब तुम किसको देखो की वो जा रहा है तो तुम उसके सच्चे ईमान पर साक्षी हो जाओ तो वो कौन है तो सच्चा ईमान की  साक्षी देनी है??

जवाब :  मस्जिदों का आदि

सवाल :  हमारे एक इस्लामी भाई है जो पांच वक्त की नमाज़ तो पढ़ते है मगर वो कोई भी उजर या लाचारी के बिना जमाअत को तर्क करते है तो उनकी नमाज़ का क्या हुक्म होगा ??

जवाब : उनकी नमाज़ नही होगी बल्के उनको फासिक में शामिल कर दिया जाएगा

सवाल :   इमाम मालिक, शाफई और अहमद रदीयल्लाहू अन्हू ने कौनसा काम ना करनवाले शख्स को कत्ल करने का इस्लामी बादशाह को हुक्म किया था ??

जवाब : नमाज ना पढ़ने वाले को

सवाल :   जुम्मा की खुत्बे की अजान का जवाब मुक्तादी को जीभ से देना चाहिए??

जवाब : जीभ से नही देना चाहिए 

सवाल : नमाज की हालत में नमाजी के शरीर पर नापाक कबूतर बैठ जाए तो नमाज़ का क्या हुक्म होगा??

जवाब : नमाज़ में कोई भी दखलगीरी नहीं होगी नमाज़ हो जाएगी

सवाल :=  *उल्टा कुर्ता या उल्टी शर्ट बगैरा  पहनकर नमाज़ पढ़ी तो नमाज़................!_

जवाब : मकरूफ तहरी में होगी

सवाल : = नमाज़ के दौरान,सजदा में जाते और सजदा से उठते वक़्त ,अल्लाहु अकबर, कहना..................!

जवाब : सुन्नत है

सवाल :  *अगर कोई शख़्स अपने घर से वज़ू किया और उसी वक़्त नमाज़ की नियत की फिर नमाज़ के लिए चला और बिना नियत के नमाज़ शुरू कर दी तो नमाज़ का क्या हुक़्म होगा ....?

जवाब : नमाज हो जाएगी

सवाल : वह कौन है जो काबा शरीफ के पास नमाज भी पढ़ते हो और रोजे भी रखते हो मगर वह अपनी एक आदत की वजह से दोजख में जाएगा वह आदत क्या है????*

जवाब : अहले बैत से नफरत करना

सवाल : नमाज़ में  ,अल्लाहु अकबर, की जगह ,अल्लाहु आकबर, कहा, तो नमाज़................!*_

जवाब :फासिद होगी

सवाल : किसी शख्स के मुंह में चने का दाना रह गया उसने चने के दाने को नमाज़ ही में निगल लिया तो नमाज़.................!*_

जवाब : फासीद होगी*, बहारे शरीयत, जिल्द 1

सवाल : नमाज़ में , दर्द या मुसीबत की वजह से आंखों से आंसू निकले और आवाज़ बिल्कुल नहीं निकली तो नमाज़.................!*_

जवाब : कोई हर्ज नही

सवाल : नमाज़ में ,अल्हम्दु, का सूरत से पहले पढ़ना क्या है ?*_

जवाब : वाजिब है

सवाल : औरतो का फ़र्ज़ नमाज़ के अलावा वाजिब, और सुन्नत नमाज़े बैठकर पढ़ना क्या है....?

जवाब : नाजाईज़* कियाम या'नी नमाज़ में खडे होना फ़राइज़े नमाज़ में है_*

*_अगर बिला उज़्र ए सहीह कोई यह नमाज़े बैठकर अदा करेगी तो न होगी बा'ज इस्लामी बहने मामूली सी तकलीफ या ज़ख्म की वजह से फ़र्ज़, वाजिब और सुन्नत व नफ़्ल नमाज़े बैठकर पढ़ती है यह सरासर गलत तरीक़ा है_*

*_नफ़्ल के सिवा कोई नमाज़ बिला उज़्र बैठकर पढ़ना जाइज़ नही_*

*ख़बरदार!* _जितनी नमाज़े क़ुदरते कियाम (खड़े होने की ताक़त होने के बा-वुजूद) बैठकर अदा की हो उन को लौटाना फ़र्ज़ है_

*उन सब नमाज़ो की क़ज़ा करे और तौबा करे*

*📚✍️ (बहारे शरीयत ज़िल्द-3,सफ़ह न०-79)*

*📚✍️ (फ़तावा अल-क़ाज़ी ज़िल्द-1,सफ़ह न०-43)*

सवाल : कल हमारे चाचा सोकतअली ईशा में जमाअत के बाद आए थे फिर उन्होंने फ़र्ज़ नमाज खुद पढ़ी  , सुन्नत भी अदा की और मौलाना के साथ तरावीह भी पढ़ी बाद में वित्र की नमाज मौलाना के साथ पढ़ी तो उन्हों की वित्र की नमाज का क्या हुक्म होगा?

जवाब : उनकी वित्र की नमाज हो गई

सवाल : रमजान में इमाम जब वित्र की नमाज पढ़ा रहे थे तब तीसरी रकात में उन्हों को जहर से तिलावत करनी थी मगर की नही उन्हें थोड़ी देर बाद  में पता चला यानी दो आयत पढ़ने के बाद  तो उन्हे अब कब और कैसे जहर से तिलावत करे?

जवाब : उन्हे जब याद आया तब से शुरू करना चाहिए और कायदे में सजदा सहव करना चाहिए

सवाल :  मेने देखा कल असर में एक भाई मस्जिद में जल्दी जल्दी आया जल्दी जल्दी नमाज़ पढ़ी और बाद में वो थकाहारा था तो वो AC के पास जा के सो गया तो उसका ऐसा करना कैसा है ? 

जवाब : उस भाई को कबीरा गुनाह होगा

सवाल : 1. एक फर्ज नमाज बराबर कितनी नफ्ल नमाज होती है ।
2. अगर कोई शख्स की एक दिन की नमाजे कजा हो जाए तो कितनी रकाअत कजा करनी होगी ?

जवाब : 700 / 20

सवाल :  मस्जिद में लाइट बंद कर के नमाज पढ़ना कैसा है?

जवाब : अगर हमे डर नहीं लगता तो मकरूह तंजीही और अगर हमे डर लगता है तो मकरूहे तहेरीमी है

हवाला : https://youtu.be/1Vd-z8tyRHo

सवाल : ईद की नमाज क्या है?

जवाब : वाजिब

सवाल : ईद के दिन घर पे फजर में औरते कब नवाफील नमाज  अदा करे ?

जवाब : मर्दों की ईद की नमाज के बाद

सवाल : जब आप नमाज पढ़ रहे हो तब कोई शख्स आने की इजाज माग रहा हो और आपने नमाज की हालत में ही आप नमाज पढ़ रहे हो ऐसा बताने के लिए आपने जोर से " अल्लाहु अकबर " कहा तो आप की नमाज का क्या हुक्म होगा ?

जवाब : फासिक नही हुई

सवाल :  अगर किसी के घर में मियां बीवी साथ में रहते है लेकिन वो भाई नमाज पढ़ता है मगर उसकी बीवी नमाज नहीं पड़ती तो उस भाई को उसकी बीवी नमाज पढ़ें इसीलिए उसको क्या करना चाहिए ?

जवाब : उसको प्यार से समझाना चाहिए फिर भी ना माने तो उससे नाराज हो जाना चाहिए उसके हाथ का खाना पीना बंद कर देना विगेरे विगेरे करना चाहिए

हवाला : https://youtu.be/8V_FcPS2XM8

सवाल : एक भाई ने हराम कमाई से कपड़े खरीदे और वही कपड़ो में नमाज पढ़ी तो उसकी नमाज का क्या हुक्म होगा ( कपड़े खरीदते वक्त कपड़े पहले लिए और बाद में पैसे दिए ) ?

जवाब : नमाज हो जाएगी

हवाला : https://youtu.be/0HVGC3qZ1w8

सवाल : जब मैं मगरिब की दो रकात सुन्नत पढ़ रहा था तब मेने पहली रकात में दो बार सूरह फातिहा पढ़ा फिर सूरत मिलाई और बाद में जिस तरह नमाज पढ़ते हैं उसी तरह नमाज मुकम्मल की तो मुझे बताइए की  अब उस  नमाज का क्या हुक्म होगा?

जवाब : उनकी नमाज नहीं हुई अगर वह लास्ट रकात में कायदे में बैठकर सजदा सवह करते तो नमाज हो जाती

सवाल : असर की चार रकात सुन्नत पढ़ रहा था तब मेने पहली रकात में एक बार सूरह फातिहा पढ़ा फिर सूरत मिलाई और फिर से सूरेह फातिहा पढ़ा बाद में रुकु किया फिर जिस तरह नमाज पढ़ते हैं उसी तरह नमाज मुकम्मल की तो आप मुझे बताइए की अब उस नमाज का क्या हुक्म होगा?

जवाब : उनकी नमाज हो गई उनको लास्ट रकात में सजदा सहव करने की जरूरत नहीं रहेगी

हवाला : https://youtu.be/FciCRIp7yA

सवाल: अगर कोई शख्स असर की फर्ज नमाज के बाद आता है और अब अकेले ही फर्ज नमाज अदा कर रहा है और उसने तीसरी रकात में सूरह फातिहा के साथ कोई सुरेह मिला दी तो उसकी नमाज का क्या हुक्म होगा?

जवाब : उनकी नमाज हो गई कोई फर्क नहीं पड़ेगा

सवाल: हमारे वहां कितने भी मौलाना बदल गए मगर कई मौलाना ऐसे भी आए जो किसी  भी वक्त की नमाज की अजान होती थी तब बाते भी करते थे और बाजार में बैठकर गप्पे लगा रहे होते थे और फिर बाद में वह नमाज पढ़ने आते थे तो कई बार ऐसा भी हुआ है कि जोहर की अजान हो गई और इमाम बाजार में गप्पे लगा रहे होते हैं और बाद में जब एकाद मिनिट जमात की होती है तब आते ही जोहर की नमाज की इमामत कराते हैं और फिर उनकी जो 4 रकात सुन्नत बाकी होती है वह पढ़ते हैं और 2 रकात दूसरी सुन्नत पढ़ते हैं और उनकी नमाज खत्म करते हैं तो इस तरह इमामत की हुई नमाज का क्या हुक्म होगा  ?

जवाब : ऐसी नमाज मजरूह होगी

हवाला : https://youtu.be/YIPWFzvFtuU

सवाल: अगर कोई शख्स अकेला फर्ज नमाज़ पढ़ रहा है तो वह एक ही रकात में दो सूरत पड़ सकता है ? अगर पड़ी तो क्या होगा होगा ? 

जवाब : पड़ सकता है कोई हर्ज नहीं

सवाल : मुझे घर आने में  देर हो गई तो मैंने देखा कि असर की नमाज का वक्त जा चुका है और मकरुह वक्त शुरू हो चुका है  यानी मगरिब की नमाज से 20 मिनट पहले तो मैंने नमाज नहीं पढ़ी बाद में कजा की तो में सही किया ना?

जवाब : मैंने गलत किया असर की नमाज बाकी है तो मकरूह वक्त में भी पढ़  लेनी चाहिए

हवाला : https://youtu.be/MBiHhOURY4I

सवाल:  जिस शख्स ने मगरिब की नमाज जमात के साथ अदा की तो उसको कौन सा सवाल दिया जाएगा?

जवाब : उसको हज और उमराह का सबाब मिलेगा

सवाल: जिस शख्स 40 दिन  फजर की और ईशा की नमाज बा जमात पड़ी उसे अल्लाह पाक नीचे में से किस से आजादी देगा?

जवाब : आग से

सवाल : नमाज़ के दरमियान अगर टोपी 👒 गिर जाएं तो उठा कर पहनना कैसा......❓
जवाब : बहेतर है

सवाल : गोबर से लिसी या पोती गयी ज़मीन अगर्चे वो सुख जाएं तो अब उस पर नमाज़ पढ़ना कैसा.......❓
जवाब : ना जाइज़ हैं
 
जो ज़मीन गोबर से लिपी या लिसी गई अगर्चे वोह सूख जाए फिर भी ऐंन उस जमीन पर नमाज़ जाइज़ नहीं , अलबत्ता ऐसी ज़मीन जो गोबर से लिसी या लिपी गई हो , उस के सूख जाने के बा'द उस पर कोई मोटा कपड़ा बिछा कर नमाज़ पढ़ी तो अब नमाज़ दुरुस्त होगी........!!

📚✍ ( बहारे शरीअत, हिस्सा 2 ,सफ़ह न०-126 )
📚✍️ ( इस्लामी बहनों की नमाज़ सफ़ह 254 )

जवाब : मकरुहे तन्जीही है

सवाल :- *नफ़ल नमाज़ बैठ कर पढ़ते वक्त सुरीन ( कूल्हा  BUTTOCK ) उठाना कैसा .......❓
जवाब : बैठ कर नफ़्ल नमाज़ अदा करने में रुकूअ इस तरह करना चाइये कि पेशानी झुक कर घुटनो के मक़ाबिल ( सामने ) आ जाएं औऱ रुकूअ करने में सुर्रिन ( कुल्ला Buttock ) उठाने की हाज़त नहीं , बैठकर नमाज़ पढ़ने में रुकूअ करते वक़्त सुर्रिन उठाना मकरुहे तन्जीही हैं....!!

नोट:- मकरुहे तन्जीही वोह है जिसका करना शरीअत को पसंद नहीं , मगर इस के करने वाले पर अज़ाब नही होगा..! येह सुन्नते गैर मुअक़ीदा का मक़ाबिल हैं.....!!

👉 बाज़ लोग रुकूअ इस तरह करते है कि लगता है सज्दा कर रहे है लिहाजा बैठकर कर नमाज़ पढ़ते वक्त इस का खास तौर पे ख़्याल करना चाइए.....!

📚✍ ( मोमिन की नमाज़ ,सफ़ह न०-88 )

सवाल :- *नमाज़ में कौनसा अमल दुरुस्त न करने पर उस हामिला औरत की मिसाल दी गयी जो हम्ल का वक़्त करीब आये और उसका हम्ल गिरा दे .......❓

जवाब : जो नमाज़ में अपनी पीठ सीधी नही रखता

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अल-जवाब:✍️ _:- हज़रते सय्यिदुना अलिय्यूल मुर्तज़ा शेरे खुदा رضی اللہ تعالیٰ عنہ बयान करते है कि सरकार नामदार ,दो जंहा के सरदार ﷺ ने मुझे हालते रुकूअ में किराअत करने से मना किया और इरशाद फरमाया : ऐ अली ! नमाज़ ने पुश्त ( या'नी पीठ ) सीधी न करने वाले कि मिसाल उस हामिला औरत की तरह है कि जब बच्चे की पैदाइश का वक़्त करीब आए वो हम्ल गिरा दे ,अब न तो वोह हामिला रहे और न ही बच्चे वाली.......!

👉 जब भी रुकूअ में जाएं अपने दोनों हाथों को घुटनों पर सीधा रखेंगे तो पीठ सीधी हो जाएगी , बा'ज़ लोग रुकूअ में जा कर अपने हाथों की कोहनियों को मोड़ लेते या बाहर की तरफ निकाल लेते है जिससे पीठ सीधी नही होती ,लिहाज़ा इस का पूरा ख्याल रखे......!


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📚✍ ( फैजाने नमाज़ , नमाज़ पढ़ने के फजाइल ,सफ़ह न०-42 )

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