Golden Words

Thursday, November 4, 2021

कर्ज कैसा गुनाह है ? कर्ज गुनाह इन इस्लाम

November 04, 2021 0
कर्ज कैसा गुनाह है ? कर्ज गुनाह इन इस्लाम

 What is a debt?  the sin of debt in islam

✅ *कर्ज एक ऐसा गुनाह है जो अल्लाह के रास्ते में शहीद भी हो जाओ तो माफ नहीं होगा क्योंकि कर्ज हुकुकुल इबाद(बंदों के हुक़ूक़) से जुड़ा हुआ है इसलिए कर्ज की माफी वही शख्स कर सकता है जिसने कर्ज दिया हो*।

🌹हदीस:-मुहम्मद ﷺ ने फरमाया: अल्लाह की रास्ते में कत्ल किए जाने से कर्ज को छोड़कर बाकी सभी गुनाह मिटा दिए जाते है।

🌷 *सहीह मुस्लिम,हदीस नं:4884.*

🌹اردو حدیث:-محمد ﷺ نے فرمایا: اللہ کی راہ میں قتل کیے جانے سے قرض کے سوا باقی تمام گناہ مٹا دیے جاتے ہیں ۔


Wednesday, February 27, 2019

Khwahish ko pura karne ka nuskha

February 27, 2019 0
Khwahish ko pura karne ka nuskha
Khwahish ko pura karne ka nuskha

मेरी ख्वाहिस कब पूरी होगी ?


  • देखिए आप जिंदगी में कुछ हासिल करना चाहते हैं आप चाहते हैं फुल बंगला मिल जाए गाड़ी मिल जाए दौलत मिल जाए शोहरत मिल जाए कोई चीज आप अपने जहन में अभी इस वक्त सोच ले तसव्वर कर ले  जो चीज आपको प्यारी लगती है बड़ी कोशिश करते हैं आप बड़ी जद्दोजहद करते हैं बड़ी मेहनत करते हैं कोई चीज मिलती नहीं है लेकिन अगर इंसान को अनमोल खजाना मिल जाए आप सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम के तालीम का य खूबसूरत मोती मिल जाए यह खजाना मिल जाए के इंसान अल्लाह की रजा पर राजी रहना सीख जाएं फिर इंसान जो चाहता हे अल्लाह वह भी अता फरमा देता हे
  • अल्लाह अज्वजल फरमाता है एह आदम की औलाद एक तेरी चाहत है एक तेरी तमन्ना हैं एक वो चीज है जो तू अपने लिए चाहता है एक वह है जो मैं तेरे लिए चाहता हूं
  • आप गौर करें जो चीज आप दुनिया में आप चाहते हैं और बड़ी कोशिश करते हैं बड़ी मेहनत करते हैं बड़ी जद्दोजहद करते हैं लाख कोशिश के बावजूद वह चीज मिलती नहीं और हम परेशान हो जाते हैं यही परेशानी है ना यही तकाजा है ना जो चीज चाहते हैं वह हमें मिल नहीं रही है बड़ी मेहनत कि क्यों नहीं मिल रही क्यों हासिल नहीं हो रही कामयाबी क्यों नहीं मिल रही
  • अल्लाह  फरमाता है एक वह चीज है जो तू चाहता है और है इब्ने आदम एक वह है जो मैं चाहता हूं । होगा तो वही जो मैं चाहता हूं फरमाया अगर तू अपनी कोशिश के जरिए अपनी एफर्ट के जरिए अपनी मेहनत के जरिए वह हासिल करना चाहता है जो मैं तुझे देना नहीं चाहता,  तू करले कोशिश करले मेहनत करले जद्दोजहद फरमाया तू थक जाएगा । मैं तुझे थका दूंगा लेकिन अल्टीमेटली बिल आखर तुझे मिलेगा वहीं जो मैं तेरे लिए चाहता हूं नहीं हासिल कर सकेगा अपनी जद्दोजहद के जरिए अपनी कोशिश के जरिए अपनी मेहनत के जरिए
  • अगर कोई शख्स चाहता है मैं अपनी कोशिश मेहनत के जरिए वह चीज हासिल कर लूं अपनी जद्दोजहद करता है मेहनत करता है और चाहता है वह जो अल्लाह अज्वजल ने उसकी डेस्टिनी में लिखा है वह अपनी मेहनत के जरिए तब्दील कर दू । फरमाए कर ले कोसिस , में तुजे थका दुगा, तू थक जायेगा बिल आखर तुजे मिलेगा वो ही जो में तेरे लिए चाहता हु 
  • फ़रमाया लेकिन एक तरीका हे , अगर तू मेरी रजा पर राजी हो जाये , उस बात पर खुस हो जाये , जो मेने तेरे लिए लिखी हुई हे , और कहे एह अल्लाह में तेरी रजा पर राज़ी हु .जो तू मुझे देना चाहता हे में उसिपे खुस हु , फ़रमाया यही एक तरीका हे , अगर तू अपनी कोसिस और एफर्ट के जरिये मेरी तक़दीर को बदल कर वो हासिल करना चाहता हे जो में तुजे देना नहीं चाहता , फ़रमाया करले कोसिस तुजे वो मिलेगा ही नहीं , लेकिन अगर तू मेरी रजा पर राज़ी हो जाये कहे अए अल्लाह जो तू देना चाहता हे उसीमे राज़ी हु फ़रमाया फिर में तुजे वो भी देदुगा जो तू अपने लिए चाहता हे ,यही एक तरीका हे, यही एक कानून हे , यही एक नुख्सा हे इस्पे अगर हम अमल करले , कितना प्यरा नुख्सा हे
  • जिंदगी में जो चीज़ चाहते हे वो हासिल करने का  ये पहला नुख्सा हे आप सल्ललाहु अलैहि व् सल्लम के तालीमात के जरिये हकीकी सुकून हासिल करने का 
  • जब भी दिले में तमन्नाये पैदा हो ख्वाहिसे पैदा हो के फुला चीज़ मिल जाये तो अल्लाह की रजा पर राज़ी हो जाये , कहे ऐह अल्लाह तू जो देता हे में उसिपे राज़ी हु , 
  • अपने जिद्दो जहद और कोसिस के जरिये तू अल्लाह की तक़दीर को बदलना चाहता हे तू नहीं बदल पायेगा एक काम करले अल्लाह की रजा पर राजी हो जा , रिलेक्स पुरे सुकून के साथ और कहे एह अल्लाह में राज़ी हु जिस तरह तू रखना चाहता हे 
  • फ़रमाया अपनी कोसिस से तू हासिल नहीं कर सकता तू मेरी रजा पर राज़ी होजा फिर तुजे में वो भी देदुगा जो तू चाहता हे 
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